दिल्ली का ये गोल्डन ट्री क्यों है खास?  जानें

वैसे तो दिल्ली में बहुत से पेड़-पौधे हैं, जो हरियाली और फल देते हैं, लेकिन दिल्ली में एक पेड़ ऐसा भी है जिसका रिश्ता सदियों पुराना है। उसे गोल्डन ट्री के नाम से जाना जाता है। आइए, गोल्डन ट्री कहलाए जाने वाले अमलतास के पेड़ के बारे में जानते हैं -

ये पेड़ अकरबर रोड, लोधी पार्क, दक्षिण दिल्ली में पुष्प विहार और उत्तरी दिल्ली में बंग्लो रोड, शांति पथ, जेएनयू के पास लगे हुए हैं।

कहां हैं ये पेड़

ये पेड़ अप्रैल से जून के बीच अपने पूरे यौवन पर होते हैं, जो सोने की तरह दमकते हुए दिखते हैं। इनके फूल और कलियां किसी का भी ध्यान खींच सकते हैं।

खास महीना

दिल्ली से अमलतास का रिश्ता बहुत पुराना है। इन पौधों को पहली बार साल 1984 में नई दिल्ली के मानस मार्ग, अमृता शेरगिल मार्ग वगैराह में लगाया गया था।

कब से हैं दिल्ली में

गोल्डन ट्री की खास बात ये है कि इस पेड़ को पानी की बहुत कम जरूरत होती है।

पेड़ की खास बात

अमलतास के पेडों के फूल जितनी ज्यादा गर्मी होती है, उतने ही ये चमकने लगते हैं, जिनसे बहुत सुकून मिलता है।

किस मौसम में चमकते हैं फूल

ऐसा माना जाता है कि अमलतास के पेड़ के पत्ते खाने से कफ दूर किया जा सकता है। इसके फूल कफ और पित्त को कम कर सकते हैं।

खाएं पत्ते

अमलतास के पेड़ काफी ऊंचे जाते हैं। एक बार ये अच्छी तरह से पनप जाए, तो इसके बाद ये आसमान की तरफ जाते हैं।

पेड़ की ऊंचाई

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