महाकाल का संबंध मृत्यु से है दरअसल, काल का मतलब मृत्यु और समय दोनों होते हैं और ऐसा माना जाता है
कि प्राचीन काल में पूरी दुनिया का मनक समय यहीं से निर्धारित होता था इसलिए इसे महाकालेश्वर नाम दे दिया गया।
आखिर क्यों रात नहीं गुजारता कोई राजा या मंत्री
महाकालेश्वर मंदिर के दूसरा बड़ा रहस्य है कि कोई कोई राजा या मंत्री रात नहीं गुजारता है। इससे जुड़े कई उदाहरण भी प्रसिद्ध हैं जिनके बारे में आपको जानकर आश्चर्य होगा।
देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी जब मंदिर के दर्शन करने के बाद रात में यहां रुके थे तो उनकी सरकार अगले ही दिन गिर गई थी।
एक दिन राजा जंगल में पूजा करने लगे तभी उन्हें एहसास हुआ कि दुश्मन राजा उज्जैन पर आक्रमण करने जा रहे है। जिसे भगवान ब्रह्मा का वर्दान प्राप्त था कि वो दिखाई नहीं देगा।
भस्म आरती को लेकर भी है एक रहस्य
ऐसे में राजा और सभी प्रजा ने मिलकर शिव की आराधना करनी शुरू कर दी और अपने भक्तों की ऐसी पुकार सुनकर महाकाल प्रकट हुए। महाकाल ने दूषण का वध किया और उसकी राख से ही अपना श्रृंगार किया।