अगर महाकाल से लगाव है तो जरूर करे उज्जैन की इन रहस्समयी जगहों की यात्रा
श्री महाकालेश्वर मंदिर, जिसे महाकाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। काल शब्द के दो अर्थ हैं - समय और मृत्यु। यहां महाकाल की भस्म से आरती की जाती है, इस आरती में महाकाल का चिता की राख से श्रृंगार किया जाता है।
महाकालेश्वर मंदिर
यह एक वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर है। यह मंदिर देवता को शराब और सिगरेट के अनोखे प्रसाद के लिए जाना जाता है।
काल भैरव मंदिर
ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है, वो अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं. मंगलनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने से कुंडली में उग्ररूप धारण किया हुआ मंगल शांत हो जाता है
मंगलनाथ मंदिर
यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और इसे शहर के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक माना जाता है।
गढ़ कालिका मंदिर
वह स्थान विभिन्न हिंदू समारोहों और अनुष्ठानों का एक केंद्र है जो घाट की सीढ़ियों पर प्रतिदिन होता है। यह वह जगह भी है जहां हर 12 साल में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
राम घाट
यह मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, हिंदू शास्त्र शिव पुराण के अनुसार, यह वह स्थान है जहां भगवान शिव की पत्नी सती की कोहनी गिरी थी, जब भगवान शिव उनके जलते हुए शरीर को बलि से ले जा रहे थे।
हरसिद्धि माता मंदिर
एक ऐसा स्थान है जहाँ ऋषि संदीपनी ने कृष्ण और बलराम को 64 रहस्समयी कलाएँ सिखाईं।
संदीपनी आश्रम
गोपाल मंदिर उज्जैन नगर का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। यहाँ जन्माष्टमी के अलावा हरिहर का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हरिहर के समय भगवान महाकाल की सवारी रात बारह बजे आती है तब यहाँ हरिहर मिलन अर्थात विष्णु और शिव का मिलन होता है।
गोपाल मंदिर
बडे गणेशजी का मंदिर भक्तों के लिए एक पावन धाम है जहाँ पर आकर वह अपनी सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। इस मंदिर में सप्तधातु की पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर भी बना है।
श्री बड़ा गणेश मंदिर
यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और अपनी सुंदर वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है
चिंतामन गणेश मंदिर
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